Important Tips to increase Laptop Life
लैपटॉप का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोग उसकी बैटरी लाइफ को लेकर परेशान रहते हैं। लैपटॉप की बैटरी एक बार पूरी तरह चार्ज होने के बाद दो-तीन घंटे तक ही चल पाती है। सफर के दौरान या किसी जरूरी प्रेजेंटेशन के समय अचानक लैपटॉप की बैटरी खत्म हो जाना बड़ी समस्या पैदा कर सकता है, खासकर तब जब आपके आसपास कोई पावर प्लग न हो। कुछ तरीके आजमाकर आप अपने लैपटॉप की बैटरी को ज्यादा समय तक इस्तेमाल करने के अलावा बैटरी को जल्दी खराब होने से भी बचा सकते हैं।
Here are some important tips to help increase the life of your laptop:
Power Management (पावर मैनेजमेंट):
पावर मैनेजमेंट को एडजस्ट करके बिजली की खपत को कम-ज्यादा किया जा सकता है। लैपटॉप की स्क्रीन की चमक जितनी ज्यादा होगी, उतनी ही बिजली ज्यादा खर्च होगी। control panel में जाकर power ऑप्शंस के जरिए बैटरी के इस्तेमाल को कम-से-कम पर सेट कर दें। इससे आपकी स्क्रीन की चमक कुछ कम हो जाएगी, प्रोसेसर की स्पीड घटेगी और लैपटॉप इस्तेमाल न होने पर जल्दी-जल्दी स्लीप मोड़ में चला जाएगा। इससे आपके काम पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।
Hibernate (हाइबरनेट):
काम न करते समय कंप्यूटर को stand by मोड़ में रखने पर बिजली कम खर्च होती है। लेकिन अगर आपके लैपटॉप में हाइबरनेशन की सुविधा है, तो वह और भी ज्यादा बिजली बचाएगा। इसके लिए control panel में power ऑप्शन्स पर क्लिक करने के बाद खुले डायलॉग बॉक्स में hibernate टैब ढूंढें। अगर यह मौजूद है, तो उसे खोलकर enable hibernate बॉक्स पर टिक करें। अगर हाइबरनेट टैब न दिखे तो आपके लैपटॉप में यह व्यवस्था नहीं है।
Power Leak (पावर लीक):
अगर लैपटॉप के साथ फ्लैश ड्राइव, एक्सटर्नल हार्ड डिस्क और स्पीकर, वाई-फाई कार्ड आदि जुड़े हुए हैं, तो उन्हें हटा लें क्योंकि उन सबको जरूरत की बिजली लैपटॉप की बैटरी से ही मिलती है।
CD-DVD (सीडी-डीवीडी):
लैपटॉप को बैटरी से चलाते समय सीडी और डीवीडी ड्राइव का इस्तेमाल कम-से-कम करें क्योंकि इस प्रोसेस में काफी बिजली खर्च होती है।
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Battery Charging (बैटरी चार्जिंग):
बैटरी को चार्ज करने के बाद लंबे समय तक बिना इस्तेमाल करे न छोडें। अगर बैटरी चार्ज की हई है, तो लैपटॉप को कम-से-कम दो हफ्ते में एक बार जरूर इस्तेमाल करें। अगर लैपटॉप में लीथियन आयन बैटरी है तो उसे पूरी तरह डिस्चार्ज न करें। अगर आपकी बैटरी नॉन लीथियन आयन है तो उसे हर दो-तीन हफ्ते में पूरी तरह से डिस्चार्ज करने के बाद ही दोबारा चार्ज करें।
लैपटॉप को लंबे समय तक इस्तेमाल न करने की हालत में नान लीथियन आयन बैटरी को पूरी तरह डिस्चार्ज करके रखें। आपकी बैटरी किस कैटिगरी की है, यह पता करने के लिए लैपटॉप का मैनुअल देखें।
Multi-Tasking (मल्टि-टॉस्किंग):
अगर लैपटॉप बैटरी से चल रहा है, तो एक ही समय पर कई ऐप्लिकेशंस का इस्तेमाल न करें। आमतौर पर हम माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस में काम कर रहे होते हैं और साथ में इंटरनेट एक्सप्लोरर पर वेबसाइटस या ई-मेल भी खले होते हैं। ऐसा मल्टि-टॉस्किंग के जरिए होता है। लेकिन याद रखें जितना ज्यादा प्रोसेस, उतनी ही ज्यादा बिजली की खपत। एक बार में एक ही सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना बैटरी बचाएगा।
Keep Cool (रखें कूल-कूल):
लैपटॉप को तेज धूप में या गर्मी वाली दूसरी जगह में न रखें। काम करते समय भी ध्यान रखें कि आपके आसपास का तापमान बहुत ज्यादा न हो क्योंकि वह जितना कम होगा, लैपटॉप उतना ही अच्छा काम करेगा। उसके अंदर हवा जाने के रास्ते बंद न हों, की-बोर्ड में रुकावट न हो इसका ध्यान रखें और समय-समय पर उन्हें साफ करते रहें।
Defage (डिफैग):
अगर आपकी हार्ड डिस्क में बहुत ज्यादा फ्रेगमेंटेशन (छितराई हई फाइलें) है तो प्रोसेसर को फाइल मैनेजमेंट के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और बिजली भी ज्यादा खर्च होती है। इससे बचने के लिए हार्ड डिस्क को डिफ्रैग करते रहें। ऐसा करना बहुत आसान है।
सब my computer में जाकर CDrive पर राइट क्लिक करें। अब propertiesstools>defragmentation पर जाएं। वहां दिए defragment now बटन को दबाएं। इससे हार्ड डिस्क में डेटा सही तरीके से स्टोर हो जाएगा।